सॉल्वर गैंग की सेंधमारी : उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चल रही ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक की लिखित परीक्षा के दूसरे दिन भी यूपी एसटीएफ द्वारा सॉल्वर गैंग पर कार्रवाई की गई है। यूपी एसटीएफ ने परीक्षा के दूसरे दिन राजधानी लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद सहित 10 जिलों से सॉल्वर गैंग के 30 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार की गई सॉल्वर गैंग में 2 महिलाएं भी शामिल हैं, जो पैसे लेकर परीक्षा देने के लिए आई थीं। यूपी एसटीएफ के साथ-साथ जिला पुलिस ने दूसरे दिन की परीक्षा के दोनों पालियों में सॉल्वर गैंग के 87 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन 2 दिनों के दौरान, साल 2018 में पेपर लीक करने वाले गैंग के सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक की भर्ती परीक्षा दो दिनों में पूरी की गई है। इस दौरान यूपी एसटीएफ और जिला पुलिस ने सॉल्वर और उनके सहयोगी गिरफ्तार किए हैं।
यूपी एसटीएफ ने परीक्षा के दूसरे दिन लखनऊ के जानकीपुरम, आलमबाग, कृष्णानगर, गोमती नगर एक्सटेंशन से संबंधित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने गाजियाबाद और कानपुर से दो महिला सॉल्वर को भी पकड़ा है। यूपी एसटीएफ की नोएडा, मेरठ, प्रयागराज, कानपुर, आगरा, गोरखपुर यूनिट ने भी कार्रवाई करते हुए कुल 10 जिलों से 30 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पहले दिन लखनऊ, बरेली, कानपुर और गोरखपुर से संबंधित 14 सदस्यों को गिरफ्तार करने के बाद यूपी एसटीएफ ने 2 दिनों की परीक्षा के दौरान कुल 44 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो गैंग लीडर भी शामिल हैं। इसमें एक गैंग का सरगना जो जौनपुर में लेखपाल के रूप में तैनात था उसे भी गिरफ्तार किया गया है। दूसरे दिन, जिला पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुवे कार्रवाई की जिस वजह से दोनों शिफ्टों में 87 लोगों को गिरफ्तार किया जा सका । इस तरह यूपी एसटीएफ और जिला पुलिस ने 2 दिनों तक चली इस परीक्षा में लगभग 250 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
जांच से साफ हुआ है कि सॉल्वर गैंग विभिन्न परीक्षाओं में अवैध रूप से होनहार छात्रों का सहारा लेते हैं, जो प्रयागराज, लखनऊ, पटना और दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इन छात्रों को पैसे के लालच में आकर सॉल्वर बनने के लिए परीक्षा देनी पड़ रही थी। लखनऊ से पकड़े गए कैलाश प्रसाद एक ऐसे सॉल्वर हैं, जिन्होंने 2 दिनों की परीक्षा में 3 परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा दी। हालांकि, हर परीक्षा के लिए उन्हें केवल 20,000 रुपये मिल रहे थे, जबकि सॉल्वर गैंग के सरगना 8 से 10 लाख रुपये तक वसूल रहे थे।
जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि विभिन्न परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग दो तरीकों से काम कर रहे हैं। एक तरीका है, सॉल्वर गैंग एक सॉल्वर और परीक्षार्थी की फोटो को मिलाकर एडमिट कार्ड तैयार करवाती है और फिर परीक्षार्थी की जगह सॉल्वर को परीक्षा देने के लिए भेजती है। लेकिन इस तरीके में जब एग्जाम सेंटर पर परीक्षार्थी के फिंगरप्रिंट की जांच होने लगती है, तो खतरा बढ़ जाता है।
दूसरा तरीका ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग करके परीक्षा पास करने का है। इसमें, असली परीक्षार्थी के कान में एक ब्लूटूथ डिवाइस लगाया जाता है, जिससे सवालों को तेज आवाज़ में पढ़ाया जाता है, और दूसरे ब्लूटूथ डिवाइस के सहारे सॉल्वर सवालों को सुनकर जवाब देता है। यह सही उत्तर परीक्षार्थी के कान में लगे डिवाइस में सुनाई देता है और फिर परीक्षार्थी उस सही उत्तर को लिख देता है। यूपी एसटीएफ के द्वारा इन दोनों मोड्स ऑपरेंडी के सॉल्वर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है।