एनसीपी के अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली । राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल रमेश बैस ने जहां अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई, वहीं एनसीपी के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार पार्टी में अलगाव को दर्शाते हुवे रविवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल हो गए। सूत्रों ने बताया कि पटना में विपक्ष की बैठक में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले की मौजूदगी से अजित पवार और उनके समर्थक नाराज हो गए। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल रमेश बैस ने एक तरफ जहां अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई वहीं दूसरी तरफ एनसीपी के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्री पद की शपथ लेने वालों में छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे शामिल हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने राजभवन में कहा कि अजित पवार ने निचले सदन में विपक्ष के नेता (एलओपी) के पद से इस्तीफा दे दिया है और उनके द्वारा इसे स्वीकार कर लिया है। राजभवन में डिप्टी स्पीकर नरहरि ज़िरवाल और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने दावा किया कि राकांपा के 40 विधायकों (कुल 53 में से) ने राज्य सरकार का समर्थन किया है।
राज्य विधानसभा के 288 सदस्यों का चुनाव अगले साल होने हैं।
यह राजनीतिक घटनाक्रम शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना (तब अविभाजित) के खिलाफ विद्रोह के एक साल बाद आया है, जिसके कारण महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी।
30 जून, 2022 को शिंदे ने सीएम पद की शपथ ली और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता देवेंद्र फड़नवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। बीजेपी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष और पूर्व राज्य मंत्री आशीष शेलार ने कहा, ”सीएम एकनाथ शिंदे ने हिंदुत्व को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया. आज अजित पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी का बड़ा धड़ा लोकतांत्रिक तरीके से शिंदे और फड़णवीस सरकार में शामिल हो रहा है और मोदीजी को समर्थन दे रहा है।”
इससे पहले दिन में अजित पवार ने मुंबई में अपने आधिकारिक आवास ‘देवगिरी’ में पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों से मुलाकात की। बैठक में वरिष्ठ राकांपा नेता भुजबल और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले उपस्थित थे। हालाँकि, सुले बैठक से पहले ही चली गईं। दिलचस्प ये रहा कि पुणे में मौजूद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्हें बैठक की जानकारी नहीं है।
आपको बताते चले कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दीर्घकालिक सहयोगी भाजपा के साथ अपने संबंध तोड़ लिए थे बाद में, राजभवन में एक गुपचुप समारोह में फड़णवीस और अजित पवार ने क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन उनकी सरकार केवल 80 घंटे तक चली व बाद में ठाकरे ने एमवीए सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस के साथ समझौता किया।
पिछले साल जून में शिंदे के नेतृत्व में हुए विद्रोह के कारण शिवसेना में विभाजन हो गया और एमवीए सरकार गिर गई, जिसके बाद शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने।
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